Akeli Hai Zehra Noha Lyrics Hindi & Urdu English

 





अकेली है ज़हरा

 Akeli Hai Zehra      ‏


● कहाँ जाए आखिर बयाबाँ में हर सू

Kahan Jaye Akhir Bayanban Me Har soo'n

 सिकश्ता है पहलू अकेली है ज़हरा

Shikasta Hai Pehlu Akeli Hai Zehra

 रोने पे पहरा

Rone Pey Pehra

 मसाएब का सहरा

Masaib Ka Sehra

 अकेली है ज़हरा

 ‏Akeli Hai Zehra


● दरे फातमा को जलाया है तुम ने

Dar E Fatima Ko Jalaya Hai Tumne

 किया वादा अपना भुलाया है तुम ने

Kiya Apna Wada Bhulaya Hai Tumne

 तमाचे न मारो मुसलमानो जाओ

Tamachey Na Maaro'n Musalmano Jao

 अली को बुलाओ अकेली है ज़हरा

Ali Ko Bulao Akeli Hai Zehra

 रोने पे पहरा

Rone Pey Pehra

 मसाएब का सहरा

Masaib Ka Sehra

 अकेली है ज़हरा

 ‏Akeli Hai Zehra


  ●बयान किस से जाकर करुं दर्द अपना

Bayan Kis Se Jakar Karu Dard Apna

 है गैरों की दुनियां नहीं कोई अपना

Hai Ghairo'n Ki Duniya Nhi Koi Apna

 कोई मेरे बाबा से कह दो ये जाकर

Koi Mere Baba Se Kehdo Ye Jakar

 कि ले जाओ आकर, अकेली है ज़हरा

Ki Lejao Akar Akeli Hai Zehra

 रोने पे पहरा

Rone Pey Pehra

 मसाएब का सहरा

Masaib Ka Sehra

 अकेली है ज़हरा

Akeli Hai Zehra

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●अय लख्ते जिगर अय हसन इब्न हैदर

Ayen Lakhte Jigar Ayen Hassan Ibne Haider

ये नाना के पेहलू में सोने न देंगे

Ye Nana Ke Pehlu Me Sone Na Dengey

तुम आजाना पहलू में सो जाना माँ के

Tum Ajana Pehlu Me Sojana Maa Ke

बक़ी में यहां पर अकेली है ज़हरा

Baqi Me Yahan Par Akeli Hai Zehra

 रोने पे पहरा

Rone Pey Pehra

मसाएब का सहरा

Masaib Ka Sehra

 अकेली है ज़हरा

 ‏Akeli Hai Zehra


●शहे करबला ने कहा रो के माँ से

Shahe Karbala Ne Kaha Roke Maa Sey

येह मज़लुम बेटे ने मज़लुम माँ से

Yeh Mazloom Bete Ne Mazloom Maa Se

अकेला हुं मैं भी, अकेली है ज़ैनब

Alela Hu Mai Bhi, Akeli Hai Zainab

 अकेले हैं बाबा अकेली है ज़हरा

Akele Hain Baba, Akeli Hai Zehra

 रोने पे पहरा

Rone Pe Pehra

 मसाएब का सहरा

Masaib Ka Sehra

अकेली है ज़हरा

Akeli Hai Zehra


● सरे मर्ग अख्तर" था ज़हरा का नौहा

Sar E Margh "Akhtar" Tha Zehra Ka Noha

कब आओ गे मेंहदी, कब आओ गे बेटा

Kab Aoge Mehdi, Kab Aoge Beta

खुदा के लिए अब यह पर्दा हटा दो

Khuda Ke Liye Ab Ye Parda Hata Do

चले आओ, आओ अकेली है ज़हरा

Chaley Aao, Aao Akeli Hai Zehra

 रोने पे पहरा

Rone Pey Pehra

मसाएब का सहरा

Masaib Ka Sehra

 अकेली है ज़हरा

Akeli Hai Zehra



Poetry - Janab Akhtar Sb

Lyrics By - Sadat Tv Network Team

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