जहाँ में शोर मुसलसल मचाते रहना है | अमान अब्बास

जहाँ में शोर मुसलसल मचाते रहना है
मरे नहीं हैं अभी सब दिखाते रहना है
جہاں میں شور مسلسل مچاتے رہنا ہے
مرے نہیں ہیں ابھی سب دکھاتے رہنا ہے
हर एक दौर की फौजे यज़ीदियत के ख़िलाफ़
हुसैन बनके सरों को कटाते रहना है
ہر ایک دور کی فوج یزیدیت کے خلاف
حسین بنکے سروں کو کٹاتے رہنا ہے
सदाए मातमो गिरया बुलंद करते रहो
सितमगरों को सितमगर बताते रहना है
صداے ماتم و گریہ بلند کرتے رہو
ستم گروں کو ستم گر بتاتے رہنا ہے
किसी की याद के  दिल में चराग़ जलते रहें
किसी की याद का मातम मनाते रहना है
کسی کی یاد کے دل میں چراغ جلتے رہیں
کسی کی یاد کا ماتم مناتے رہنا ہے
उन्हें हमारे तुम्हारे सरों की क्या पहचान
हुकुमतों को तो खंजर चलाते रहना है
انہیں ہمارے تمہارے سروں کی کیا پہچان
حکومتوں کو تو خنجر چلاتے رہنا ہے
हज़ारों तीर हमारी तरफ़ को आते रहें
हमें अमान का परचम उठाते रहना है
ہزاروں تیر ہماری طرف کو آتے رہیں
ہمیں امان کا پرچم اٹھاتے رہنا ہے
-अमान अब्बास

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