Salam Hindi Lyrics

सलाम 

गिर गईं कट कट के पेरो से  पशेमाँ हो गईं 

बेडियाँ रफ्तारे आबिद से परेशाँ हो गईं 


भर गया उम्मीद का कासा दरे अब्बास पर

मुशकिले दुशवार जितनी थी वो आसाँ हो गईं 


कर रहे हो उस अबू तालिब के ईमाँ से गुरेज़

उम्मते जिसके तस्ददुक मे मुसलमाँ हो गईं 


कू ब कू शामो सहर मुझको थी जिसकी जुस्तजू

ख्वाब मे देखा उसे आँखे दरखशाँ हो गईं 


शुक्र कर ऐ उम्मते दीने खुदा शब्बीर पर 

सुर्खरु इनके सबब आयाते कुरआँ हो गईं 


ज़मज़मो तस्नीमो कोसर की सबीले हशर मे 

कतरये अश्के गमे सरवर से हैराँ हो गईं


अज़ कलम खाकसार हैदर सिरसवी

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